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शिरडी साई बाबा – जीवन, शिक्षाएँ, साई सच्चरित्र & ShikshakDP से संगीत श्रद्धांजलि

12 नवंबर 2025
Shikshak Content Board
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अनुभाग 5 / 9

श्री साई सच्चरित्र – हेमाडपंत का परिचय

📖 श्री साई सच्चरित्र – हेमाडपंत द्वारा रचित अमर ग्रंथ ✍️ लेखक का परिचय गोविंद रघुनाथ दाभोलकर का जन्म लगभग 1856 में हुआ। वे सरकारी सेवा में थे — शिक्षक, बाद में मामलतदार। दिसंबर 1910 में जब वे पहली बार शिर्डी पहुँचे, तो साईं बाबा ने उन्हें "हेमाडपंत" नाम दिया — यह नाम देवगिरी के प्रसिद्ध मंत्री "हेमाद्रिपंत" की याद में था। 📜 ग्रंथ की प्रेरणा बाबा ने उनसे कहा: "तुम्हारे मन में जो सच्चरित्र लिखने की भावना है, वह मेरी इच्छा से ही है। तुम निडर होकर लिखो — मेरा ही कार्य है यह।" उसके बाद हेमाडपंत ने भक्तों के अनुभव, संवाद और लीलाओं को एकत्र किया और मराठी में ओवी छंद में लिखना प्रारंभ किया। बाबा ने स्वयं कहा था: "मेरी लीलाएँ यदि लिखी जाएँगी, तो अज्ञान नष्ट होगा, और भक्त के हृदय में प्रेम और भक्ति की तरंगें उठेंगी।" 1930 में यह ग्रंथ प्रकाशित हुआ — और आज यह साईं भक्तों का आध्यात्मिक मार्गदर्शक है।

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